Chaitra Navratri 2023: महानवमी पर की जाती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें तिथि और महत्व!

महानवमी का खास महत्व!
Chaitra Navratri 2023: महानवमी पर की जाती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें तिथि और महत्व!

हिंदू धर्म में पूरी आस्था और विश्वास से मनाया जाना वाला त्योहार नवरात्रि चल रहा है। चैत्र नवरात्रि से ही हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत भी होती है। नवरात्रि में भक्त बड़ी धूमधाम से माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। माता दुर्गा तेज, शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार नौ दिनों में माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने वाले भक्तों के शत्रुओं का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वैसे तो नवरात्रि के नौ दिन काफी महत्वपूर्ण होते है, लेकिन नवमी तिथि का खास महत्त्व है। आइए जानते हैं इस बार की महानवमी की तिथि, मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में।

इस दिन मनाई जाएगी चैत्र नवरात्रि की महानवमी

आदिशक्ति जगदम्बा का आशीर्वाद पाने के लिए लोग नवरात्रि के नौ दिनों में माता की पूजा-अर्चना और सेवा करते हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों में महानवमी का बड़ा ही महत्व होता है। इस साल चैत्र नवरात्र में नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को पड़ रही हैं। इस दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवमी तिथि 29 मार्च 2023 को रात 09:07 से शुरू होकर अगले दिन 30 मार्च 2023 को रात 11:30 समाप्त होगी।

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चैत्र नवरात्रि की महानवमी का महत्व

चैत्र नवरात्रि के महानवमी के दिन माता दुर्गा और भगवान राम की पूजा का खास महत्व माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम ने युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद माता दुर्गा की आराधना की थी। इसलिए नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन माता दुर्गा और भगवान राम दोनों की पूजा की जाती है। वहीं इस दिन चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत सफल नहीं माना जाता है। कन्या पूजन के लिए दो साल से लेकर दस साल तक की कन्याओं को अपने घर प्रेम से बुलाकर उनका आदर और सत्कार करने के साथ ही, उनकी पूजा करने के साथ-साथ कन्याओं को घर में बना भोग भी खिलाया जाता है। मन भर खाना खाकर कन्याओं को खुशी-खुशी विदा किया जाता है।

वहीं नवरात्रि के 9वें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा करने का भी काफी महत्व है। माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। महानवमी के दिन की मान्यता यह भी है कि महिषासुर नाम के राक्षस ने हर तरफ हाहाकार मचा रखा था। उसके डर से सभी देवता परेशान हो जाया करते थे। तभी उसके वध के लिए आदिशक्ति ने दुर्गा का रूप धारण किया और 8 दिनों तक महिषासुर नाम के राक्षस से युद्ध किया और अंतिम 9वें दिन उसका वध किया था। महिषासुर के मरने के बाद, उस दिन को ‘महानवमी’ कहा गया।

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गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि के ये नौ दिन हमारे हिंदू धर्म में बेहद खास होते हैं। इन दिनों में भक्त पूरी तरह माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की भक्ति पूरे तन-मन से करते है। इस साल चैत्र नवरात्रि के महानवमी तिथि को आप भी पूरे धूमधाम से मनाएं।

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Shikha Trivedi

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