Chaitra Navratri 2023 Day 6: नवरात्रि के 6वें दिन माँ कात्यायनी की करें पूजा, होंगे यह लाभ!
जान ले मुहूर्त, पूजा और लाभ!22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, मार्च 30 तक यह उत्सव चलेगा। हर साल दो बार आने वाली नवरात्रि में यह चैत्र नवरात्रि भी उसी उत्साह से धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। चैत्र नवरात्रि में उपवास रखने से लेकर गंगा नदी में डुबकी लगाने और देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के लिए शुभ दिन की शुरुआत करने तक, कई कार्य इस चैत्र नवरात्रि में भक्त करते है। आजका चैत्र नवरात्रि का यह 6वा दिन है। आज के दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। चलिए जान लेते है आज की पूजा का महत्त्व और उनके लाभ!
महत्त्व
चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना और उपवास किए जाते है। चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में देवी का आशीर्वाद पाने के लिए शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री इन माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और उनके लिए उपवास भी किए जाते है। चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। माँ दुर्गा का उग्र योद्धा रूप यानी माँ कात्यायनी देवी यह छठा अवतार है। पृथ्वी से बुराई को नष्ट करने के लिए उनका जन्म हुआ था। उनके चार हाथ हैं और उनके एक हाथ में लंबी तलवार और दूसरे दो हाथों में कमल है और उनका चौथा हाथ अभय मुद्रा में है क्योंकि वह अपने चौथे हाथ से अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। वह शक्ति, ऊर्जा से भरी और राक्षसों से लड़ने वाली योद्धा है। देवी कात्यायनी ने तलवार से महिषासुर का सिर काटकर उसका वध किया और यही कारण है कि देवी कात्यायनी को महिषासुरमर्दिनी के नाम से जाना जाता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
माँ कात्यायनी देवी की पूजा करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। चैत नवरात्रि के 6वें दिन सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त पर माँ कात्यायनी का पूजा मुहूर्त शुरू होता है। यह मुहूर्त सुबह 4 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगा। माँ कात्यायनी की पूजा करने के लिए एक नारियल, एक लाल कपड़ा और एक मंगलसूत्र के साथ देवी की एक तस्वीर रखी जाती है। इस दौरान देवी के लिए उपवास रखा जाता हैं और देवी को शहद का भोग लगाया जाता हैं।
यह होंगे लाभ
माँ कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना और उपवास करने से हमें काफी लाभ हो सकते है। माँ दुर्गा के इस रूप की विधिवत पूजा करने से शरीर कांतिमान हो जाता है। इनकी आराधना से घरेलु परेशानी से छुटकारा मिलकर जीवन सुखमय और खुशहाल हो जाता है। माँ कात्यायिनी की भक्ति और उपासना करके हमें सिद्धि प्राप्त हो सकती है। माँ दुर्गा के इस रूप की पूजा करने से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष जैसे चारों फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही जीवन में कोई रोग हो, किसी बात का शोक हो, संताप या भय हो, वह भी चला जाता है। इसके साथ ही जिनके विवाह में मुसीबतें आ रही है या शादी में विलम्ब हो रहा हो, जिनको वैवाहिक जीवन से सुख न मिलता हो उन्हें माँ कात्यायिनी की उपासना जरूर करनी चाहिए।
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यह जरूर जान ले की चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन सफेद रंग के कपड़े पहने जाते है, क्योंकि देवी कात्यायनी माता का पसंदीदा रंग सफेद है।
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