Krishna Janmashtami: इस समय डालें नन्हें कन्हैया लाल को झूले में, इस तरह से शुरू करें पूजा!

जय कन्हैया लाल की!
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हिंदू धर्म के त्यौहारों में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में आता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के मौके पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 6 और 7 सितंबर को इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी का ये उत्सव मनाया जाएगा। पुरे भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को मथुरा में बेहद खास तरीके से मनाया जाता है, क्यों की ये नंदलाला की जन्मभूमि है। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल मूरत की पूजा की जाती है। रात के समय योग्य मुहूर्त पर भगवान श्रीकृष्ण को झूले में डाला जाता है और इस उत्सव को जन्मोत्सव कहा जाता है। अगर आप भी भगवान नंदलाला के भक्त है और भक्तिभाव से पूजा करना चाहते है, तो आगे जरूर पढ़े।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि, भोग, व्रत एवं महत्व । Krishna Janmashtami, Dahi Handi (Gokulashtami) Pooja Vidhi, vrat, mahtva in Hindi

जानें कब शुरू होगा मुहूर्त

6 और 7 सितंबर को इस साल पुरे देश में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हर एक भक्त भक्तिभाव से मनाया जा रहा है। इस कृष्ण जन्माष्टमी की तारीख ने लोगों को काफी भ्रमित कर दिया है, लेकिन आपको बता दे की आप 6 और 7 दोनों दिन भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मना सकते है। 6 सितंबर को दोपहर 3 बज कर 37 मिनट पर नंदलाला कान्हा के जन्मोत्सव का मुहूर्त शुरू होगा। इस समय अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ होगा, इसीलिए आप इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा शुरू कर सकते है। इसके साथ ही दूसरे दिन यानी 7 तारीख को शाम 4 बज कर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होती है। वही 6 तारीख की रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा तो 7 तारीख को देश के कोने कोने में दही हंडी मनाई जाएगी।

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Image Courtesy: Aaj Tak

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इस तरह करें कान्हा की पूजा

6 तारीख की रात 11 बज कर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का ये उत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान सुबह ही घर की साफ़ सफाई कर ले। भगवान की भक्तिभाव से पूजा कर ले और नंदलाला को प्रसाद चढ़ा कर आरती कर ले। रात को जन्माष्टमी के मुहूर्त के दौरान भगवान के मंदिर में घी से दिया जलाएं। भगवान श्री कृष्ण की मूरत पर जलाभिषेक करें और उनपर फूल चढ़ाएं। 12 बजे कान्हा की मूरत को चांदी या तत्सम झूले में बिठाए और झुलाएं। पुरे परिवार के साथ मिलकर कृष्ण भगवान की आरती करे और उन्हें लड्डू या दूध से बनी इतर मिठाई का भोग चढ़ाएं। आरती के बाद सभी को प्रसाद बांटे।

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Image Courtesy: NDTV.in

इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का ये प्यार भरा त्यौहार आप भी मनाएं और इस तरह भक्तिभाव से कान्हा का ये जन्मोत्सव मनाएं।

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Tejal Limaje

Who says an introvert can't be a good artist? I am an artist, writing is my art. You can call me an emotional introverted linguistic writer. What cannot be shared through my speech, I share through my writing and words. Writing is my love, desire, passion.

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