डिलीवरी के दौरान बिना दवाई के प्रसव पीड़ा (Labor pain) कम करने के लिए करे यह उपाय!
मिलेगी राहत!प्रसव पीड़ा के नाम से ही ज्यादातर महिलाओं के मन में डर बैठ जाता है। जो पहली बार मां बनने वाली है उन्हें इस दर्द का अनुभव नहीं होता और न ही उन्हें प्रसव पीड़ा (Labor pain) के लक्षण पता होते हैं। डिलीवरी के दौरान वहीं यह भी जरूरी होता है की, प्रसव पीड़ा अपने निश्चित समय पर प्राकृतिक तरीको से हो। बदली हुई लाइफस्टाइल के वजह से अभी औरतों में प्रसव पीड़ा सहने की ताकद कम हो चुकी है। इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएँगे जो आपको डिलीवरी के दौरान पीड़ा से थोड़ी राहत दे सके।
पुराने जमाने में दादी-नानी प्रसव पीड़ा बढ़ाने के उपायो के तौर पर कई घेरलू उपचारों का इस्तेमाल करती थी, क्योंकि डिलीवरी आसानी से हो सके। लेकिन आजकल की बदली हुई लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं को प्रसव पीड़ा के समय अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है। चलिए देखते है वह क्या तरीके है जो प्रसव पीड़ा से रहत दे।
प्रसव पीड़ा कम करने के लिए उपाय
प्रसव पीड़ा में आराम पहुचाने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं। इस दर्द से थोड़ी राहत पाने के लिए किए जाने वाले उपाय, आपकी प्रसव पीड़ा मतलब लेबर पेन के स्टेज, आपके और आपके बच्चे की हेल्थ पर निर्भर करते है। प्रसूति के लिए आप मानसिक रूप से तैयार रहे क्योंकि यदि आप डिलीवरी से डरती है तो आप उस समय होने वाली दिक्कतों का या दर्द का समना नहीं कर पाएंगी। ध्यान रखें की, किसी भी दवा का ऐसे ही सेवन न करें। साथ ही आप प्रसव के दर्द से निपटने के लिए नीचे दिए हुए इन तरीकों को अपना सकते हैं।
1. जितना हो सके रिलैक्स रहने की कोशिश करें।
2. आपको जब ऐंठन हो तो थोड़ा बहुत हिलने या टहलने की कोशिश करें।
3. आप अपनी श्रोणि के हिस्से को चलायमान रखने के लिए हिलने-डुलने वाले थोड़े बहुत काम करें।
4. यूरिन को अधिक बार पास करें।
5. शांत और अच्छा संगीत सुने, टेलीवीजन देखें या ध्यान लगाने की कोशिश करें।
6. बाथटब, स्विमिंग पूल या शावर में स्नान कर रिलैक्स रहने की कोशिश करे, इससे दर्द में आराम मिलेगा।
7. किसी से मालिश करवाएं।
8. अपना ध्यान इस दर्द से विचलित करने की कोशिश करें।
9. डॉक्टर के द्वारा बताया गया डायट प्लान फॉलो करें।
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एक माँ के लिए बच्चे को जन्म देना एक और खूबसूरत अलग ऐहसास होता है। लेकिन प्रसव पीड़ा के डर से हर माँ को गुजरना ही पड़ता है। बच्चे के पैदा होने के बाद वह दर्द भी खुशी में बदल जाता है। इसीलिए प्रसव पीड़ा को कम करने और राहत पाने के लिए आप और भी कुछ आसान से तरीके अपना सकते है।
प्रसव पीड़ा कम करने के लिए योगासन
गर्भावस्था के दौरान नीचे बताए गए इन योगासन को आजमाना चाहिए, जिससे आपकी पेल्विक मसल्स मजबूत होते है और डिलीवरी के दौरान प्रसव पीड़ा कम होती है। प्रेग्नेंसी में योग करने से स्वास्थ्य और मूड दोनों सही बने रहते हैं। लेकिन अपने डॉक्टर्स से पूछने या उनकी सलाह लेने के बाद ही इन आसनों का प्रयास करें।
मालासन (Malasana)
प्रसव पीडा से थोड़ी राहत और नॉर्मल डिलीवरी के लिए मालासन सबसे महत्वपूर्ण आसन है। इसे प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही से शुरु किया जा सकता है।
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स्टैंडिंग स्क्वाट्स (Standing squats)
इस आसन को खड़े होकर किया जाता है। इसे 15-20 बार कर सकते है। स्टैंडिंग स्क्वाट्स पेल्विक मसल्स को मजबूद करता है, जिससे प्रवस में अधिक दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं यदि आप इस आसन को पहली बार कर रही हैं तो इसे 10 बार ही करें और फिर इसे धीरे-धीरे बढ़ाएं।
बद्धकोणासन (Baddha Konasana)
प्रसव पीडा कम करने और नॉर्मल डिलीवरी के लिए यह आसन बहुत जरूरी है। इस आसन को प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही से ही शुरू किया जा सकता है और यह पूरे 8 महीने तक किया जा सकता है।
ध्यान देने योग्य बात है की, आप इन तरीको को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।