Exclusive: रूढ़िवाद को छेद देते हुए V Saritha बनी DTC की पहली महिला बस ड्राइवर: “12,000 पुरुषों में मैं अकेली…”
महिलाओं के लिए है प्रेरणा!अगर आज के जमाने की बात करें तो महिलाएं पुरुषों के कंधों से कंधा मिलकर चलते हुए नजर आती है। हर एक फिल्ड में महिलाएं पुरुषों की बराबरी करते हुए दिखाई दे रही है। जमाना इतना आगे पहुँच गया है की, कई बातों में महिलाएं पुरुषों से भी आगे पहुँच गई है। फिर वह आईटी सेक्टर हो, बैंक, स्पेस रिसर्च सेंटर हो या फिर अभिनय की इंडस्ट्री हो। इतना होने के बावजूद भी कई बार महिलाओं के ड्राइविंग स्किल्स को लेकर लोग मजाक उड़ाते नजर आते है। गाड़ी चलना, ड्राइविंग आज भी पुरुषों का काम माना जाता है। इसीलिए आजतक बस हो या ऑटो, सार्वजनिक परिवहन चलाने वाले ड्राइवर अधिकतर पुरुष ही होते है। लेकिन वी. सरिता (V Saritha) ने इस रूढ़िवाद को छेद देते हुए DTC (Delhi Transport Corporation) की पहली महिला ड्राइवर होने का ख़िताब अपने नाम कर लिया और साथ ही वह महिलाओं को ड्राइविंग के लिए प्रेरणा देती भी नजर आ रही है। वही Hauterrfly के Chief Naari के नए एपिसोड में वी. सरिता ने अपनी ये प्रेरणादायी कहानी को शेयर किया है।
जहाँ ट्रक हो, ऑटो हो या बस हो, लोग ड्राइवर के सीट पर पुरुष को देखते है। वही 12,000 पुरुष ड्राइवर के बीच वी. सरिता DTC की पहली महिला ड्राइवर बनी। “ये कैसे बस चलाएगी?”, “ये गाड़ी ठोकेगी”, “ये तो लड़कों का काम है, लड़कियां संभालेगी तो फिर लड़कों को घर में बैठना पड़ेगा” इस तरह से लोग सविता को ताने सुनाते थे। लोगों के ताने सुनते हुए भी सरिता ने खुद को कभी किसी से कम नहीं समझा। DTC में पहली महिला ड्राइवर के तौर पर काम करना शुरू करने के बाद एक भैय्या ने सरिता को काफी प्रोत्साहित किया। ‘एक इंसान कुछ भी काम कर सकता है, उसमे लड़की या लड़का ऐसे कोई फर्क नहीं होता। खुद को मौका दो और लोगों को प्रेरणा दो। बस इसी बात को सुनते ही सविता ने प्रेरित होकर अपना काम शुरू कर दिया।
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सरिता की ड्राइविंग देख कर फिर लोगों को एहसास हुआ की वह कितनी अच्छी बस चलाती है। और बस यही से सविता के DTC का सफर शुरू हो गया। सविता को खुद पर विश्वास था की ये काम वह कर सकती है, और इस वजह से वह ड्राइविंग में एक्सपर्ट बन गई। सविता को बस चलाते हुए देख कई महिलाएं उसके पास आने लगी और उसकी तारीफ़ करने लगी, उसे दुवा देने लगी, सेल्फी लेने लगी। साथ ही महिलाएं सविता को देख कर कहती थी, “हमारी लड़की किसी से कम नहीं है!” अपने काम की वजह से सरिता ने इतर महिलाओं को भी ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहन दिया। सरिता के काम को देखते हुए उसे किरण बेदी से भी पुरस्कार मिला। जिस वजह से सरिता को और भी अच्छा काम करने का प्रोत्साहन मिला। साथ ही उसे प्रेजिडेंट अवार्ड, तेलंगाना पुरस्कार भी मिला है।
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2014 से 22 तक, सरिता अपने डेपो में एक अकेली महिला बस ड्राइवर थी। लेकिन सरिता का ये सफर देख कर और उससे प्रेरणा लेकर कई महिला प्रेरित हुई और DTC जॉइन करने लगी, जिससे वहा अब महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी है। अब DTC में ड्राइवर के तौर पर काम करने वाली महिलाओं की संख्या 50 से 60 तक हो गई है, जिस वजह से सरिता को काफी अच्छा लगता है।
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बस इसी तरह अपने पुरे प्रेरणादायी सफर की दास्तान सरिता ने Hauterrfly के Chief Naari में बताई है। जानने के लिए जरूर ये पूरा एपिसोड देखें।