भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने हमेशा अपने शानदार प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है। वहीं सानिया मिर्जा ने मंगलवार को दुबई में अपने पेशेवर टेनिस करियर का आखिरी मैच खेला, जिसमें उन्होंने अमेरिका की मैडिसन कीज़ के साथ जोड़ी बनाकर रूसी जोड़ी वेरोनिका कुदेरमेटोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा से 4-6, 0-6 से महिला युगल मुकाबले में हारकर अपने शानदार करियर का अंत किया।
सानिया और किज की जोड़ी से रूस की वेरोनिका कुदेरमेटोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा एक घंटे तक चले मैच में 4-6 ,0-6 से हारी। हालांकि इस मैच से ज्यादा सबकी निगाहें सानिया के शानदार करियर के आखिरी दिन पर टिकी थीं। 36 साल की उम्र में सानिया ने अकेले दम पर टेनिस के खेल को बुलंदियों तक पहुंचाया है।
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महिलाओं की प्रेणना बनी सानिया मिर्जा
गौरतलब है कि सानिया ने टेनिस में अपना शानदार जीवन जिया है। इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू के दौरान सानिया ने महिला एथलीटों के लिए काफी अच्छा मैसेज साझा किया। सानिया ने बताया कि एक युवा महिला के रूप में आप जीवन में चाहे कुछ भी कर लें, आपको दबाव में रखा जाएगा। हालांकि सानिया इस मामले में खुद को खुशकिस्मत मानती हैं।
सानिया ने बताया कि उनके माता-पिता ने उनके करियर में काफी सपोर्ट किया है। लेकिन महिलाओं को सामाजिक रूप से यह साबित करना होता है कि आप जो भी कर रही हैं वह सही है। सानिया हर युवा महिला से कहती हैं कि कभी किसी को यह मत बताना कि तुम वह नहीं कर सकती जो तुम करना चाहती हो। किसी और को यह तय न करने दें कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
सानिया मिर्जा ने छोटी उम्र में पकड़ा रॉकेट
सानिया मिर्जा ने बहुत छोटी उम्र से ही अपने हाथ में रॉकेट पकड़ा। महज 18 साल की उम्र में सानिया ने वुमंस टेनिस एसोसिएशन (डब्ल्यूटीए) का एकल खिताब जीता। उस वक्त सानिया की रैंक 134 थी और वाइल्ड कार्ड के तौर पर उनकी एंट्री हुई थी। सभी ने उनके शानदार प्रदर्शन की खूब तारीफ की। सानिया मिर्जा महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) का एकल खिताब जीतने वाली पहली महिला बनीं। आपको बता दें, सानिया मिर्जा ने अपने करियर में तीन मिश्रित युगल और तीन महिला युगल के साथ छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं।
इसके अलावा साल 2015 में महिला डबल्स में विंबलडन, यूएस ओपन, 2016 में भी ऑट्रेलिया ओपन का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। सानिया मिर्जा ने साल 2011 में फ्रेंच ओपन का फाइनल खेला था। इसके बाद सानिया और रोहन बोपन्ना की जोड़ी ने साल 2017 में फ्रेंच ओपन में मिक्स्ड डबल्स के खिलाफ जीत हासिल की थी। इसके बाद साल 2009 में सानिया के साथ जोड़ी बनाई थी। महेश भूपति और ऑस्ट्रेलिया ओपन मिक्स्ड डबल्स चैंपियनशिप जीती।
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सानिया मिर्जा ने चार ओलिंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व भी किया है। साल 2008 में बीजिंग, 2012 में लंदन, 2016 में रियो और 2021 में टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन के साथ देश का नाम रोशन किया। सानिया ने अपने करियर में खूब नाम कमाया। हम सानिया मिर्जा को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।