देशभर में मां दुर्गा के भक्तों द्वारा नौ दिनों तक मनाया जाने वाला चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल की तरह इस साल भी बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक, हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है। हिन्दू कथाओं के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में मां अपने भक्तों के साथ नौ दिन धरती पर रहती हैं। इन नौ दिनों में मां दुर्गा अपने भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं और आशीर्वाद देती हैं। ऐसे में भक्त भी मां की अराधना में कोई कसर नहीं छोड़ते। आइए जानते हैं मां के सभी 9 रूपों के बारे में और किस दिन किसकी पूजा करनी चाहिए।
मां दुर्गा के 9 स्वरूप:
1- मां शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के स्वरुप की पूजा अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई थीं, इसलिए इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इस दिन भक्त मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करते हैं।
2- मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के स्वरुप की पूजा होती है। मां दुर्गा का दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या और साधना की थी, जिसकी वजह से उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। इस दिन भक्त मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करते हैं।
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3- मां चंद्रघंटा
माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्री के तीसरे दिन की जाती है। मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट खत्म होते है। कहा जाता है कि माता चंद्रघंटा में भगवान विष्णु, महेश और ब्रह्मा की शक्तियां समाहित हैं।
4- मां कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा के स्वरुप की पूजा अर्चना की जाती है। मां की हंसी और ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण ही इन्हें कूष्मांडा देवी कहा जाता है। कहा जाता है कि, जिस समय सृष्टि नहीं थी। चारों और अंधकार ही था, तब मां ने अपनी हंसी से ही ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इसलिए यही सृष्टि की आदि-स्वरूपा आदि शक्ति है।
5- मां स्कंदमाता
मां दुर्गा का पांचवा अवतार मां स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाती है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। ये कमल के आसान पर विराजमान रहती हैं, इसलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। ये देवी सूख प्रदान करते वाली हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन इनकी पूजा भक्त करते हैं।
6- मां कात्यायनी
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी के स्वरुप की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी को ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में जाना जाता है, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा। माता की पूजा करने से सभी नकारात्मकता से दूर रहते है। नवरात्रि के नौ दिनों में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।
7- मां कालरात्रि
माता दुर्गा के सातवें स्वरुप मां कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन की जाती है। कहा जाता है कि शुभ, निशुंभ और रक्तबीज राक्षसों को मारने के लिए माता दुर्गा को कालरात्रि का रूप धारण करना पड़ा था। मां कालरात्रि अपने भक्तों को सभी तरह की बुराईयों से निर्भयता प्रदान करती हैं। ऐसे में नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा होती है।
8- मां महागौरी
नवरात्रि के आठवें दिन देवी मां महागौरी की पूजा अत्यंत सरल, सुलभ, और आकर्षक रूप में की जाती है। कहा जाता है कि, जब माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया तो उनका शरीर काफी काला पड़ गया था। तब भगवान शिव से उन्हें वरदान के रूप में गौर वर्ण प्राप्त हुआ और तब से महागौरी कहलाईं। नवरात्रि के अष्टमी के माता महागौरी की पूजा की जाती है।
9- मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि के आखिरी यानी नवें दिन मां सिद्धिदात्री के स्वरुप की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री को देवी सरस्वती का रूप माना जाता है, जो सफेद वस्त्र धारण कर अपने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। इसकी पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी हो जाती हैं। महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
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इस नवरात्रि आप भी अपने घर पर माता दुर्गा इन सभी आदि-स्वरूप और आदि शक्ति की पूजा अर्चना करें। साथ ही माता का आशीर्वाद प्राप्त करें। हमारी ओर से आपको चैत्र नवरात्रि की खूब सारी शुभकामनाएं।