Exclusive: Sonam Bajwa को फोन उठाने की भी नहीं थी अनुमति; कहा, “पिता से पूछना पड़ता था…”

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भारत में लिंग भेदभाव पर चाहे कितने ही मुद्दे खड़े कर दो, लेकिन इससे पीछा छुड़ाना मुमकिन नहीं है। लिंग भेदभाव पुराने ज़माने से चलता आ रहा है और अभी भी हमारे देश में चल रहा है। हम न जाने कितने मॉडर्न ही क्यों ना हो जाए, लेकिन ऐसे भी लोग देश में रहते है जिन्हे लिंग भेदभाव का मुद्दा सही लगता है। इस वजह से हमारा देश अबतक सफलता के नाम पर काफी पीछे है। ये भेदभाव सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र में ही नहीं बल्कि शहरों में भी दिखाई देता है। आपको जानकर हैरानी होगी के पंजाबी एक्ट्रेस सोनम बाजवा भी इस लिंग भेदभाव का सामना कर चुकी है। Hauterrfly के The Male Feminist में मेहमान बन आई सोनम बाजवा ने अपने खुद के घर में उसके साथ किए गए भेदभाव की दास्ताँ सुनाई।

पंजाबी फिल्म्स के साथ साथ तमिल और हिंदी सिनेमा में भी काम कर चुकी सोनम बाजवा 2012 में मिस इंडिया कांटेस्ट में भी भाग ले चुकी है। Hauterrfly के The Male Feminist में होस्ट सिद्धार्थ अलम्बयन के साथ बात करते हुए सोनम ने उसे बताया की, अपने घर में उसे बचपन में ही लिंग भेदभाव का सामना करना पड़ा। आपको बता दे की सोनम का एक जुड़वाँ भाई भी है। घर में भाई होने के कारन सोनम पर कई बातों के लिए प्रतिबंध लगाए गए थे।

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सोनम के माता पिता बचपन से ही सोनम के साथ काफी स्ट्रिक्ट बर्ताव करते थे। इस बात को कई बार सोनम को बर्दाश्त करना पड़ा। सोनाम ने इस भेदभाव के बारे में कहते हुए बताया की, उसके घर में उसके भाई को बाहर जाकर खेलने की अनुमति थी। वही सोनम को बाहर जाने की मनाई थी, उसे कहा गया था की वह घर से बाहर नहीं जा सकती। अगर उसे खेलना है तो वह छत पर जाकर खेल सकती थी।

जैसे जैसे सोनम बड़ी होती गई, उसके लिए घर वालों बंधन और भी कड़ा होता गया। सोनम को छत पर जाने की, खेलने की तो अनुमति थी, लेकिन अब वह छत के छज्जे पर नहीं खड़ी हो सकती थी। सोनम के पैरेंट्स उसके लिए बचपन से काफी कठोर बर्ताव रखते थे। सोनम को घर का लैंडलाइन फोन उठाने की भी अनुमति नहीं थी। इस बात से सोनम को बेहद बुरा लगता था। लेकिन अपने माता पिता की इस बात को एक्ट्रेस ने समझ कर लिया। उसे लगता है की, उसके पैरेंट्स के इतने कठोर बर्ताव के पीछे कुछ ना कुछ कारन जरूर होगा। उन्होंने शायद कुछ ऐसी बातें देख ली हो, जिस वजह से उनका बर्ताव बेटी के लिए इतना कठोर हो गया हो। सोनम के पिता घर में सबसे ज्यादा स्ट्रिक्ट थे, इतना की सोनम की मां भी उनसे डरा करती थी। घर में कुछ करने से पहले सोनम को उन्हें पूछना पड़ता था।

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किसी अनजान इंसान से बात करने पर भी सोनम को अपने मां बाप से डांट खानी पड़ती थी। सोनम को अभी अपने मां-पापा की बातों का खुलासा होता है की वह उस दौरान उससे इतना कठोर व्यवहार क्यों करते थे। सोनम बाजवा ने अपने बचपन में घर में ही भले ही लिंग भेदभाव का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह इस बात से भी इनकार नहीं करती की पैरेंट्स का स्ट्रिक्ट होना उनके भले के लिए ही था। सोनम ने काटेरी, पंजाब 1984, कप्पल, हौसला रख जैसी कई फिल्मों में काम किया है। सोनम ने अपने जीवन से जुड़ी और भी बातें बयां की है। जानने के लिए Hauterrfly के The Male Feminist का नया एपिसोड जरूर देखें।

Tejal Limaje: Who says an introvert can't be a good artist? I am an artist, writing is my art. You can call me an emotional introverted linguistic writer. What cannot be shared through my speech, I share through my writing and words. Writing is my love, desire, passion.