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शेखर कपूर नहीं बनाएंगे ‘मिस्टर इंडिया’ का रीमेक; श्रीदेवी, सतीश कौशिक और अमरीश पुरी को किया याद!

जाने-माने दिग्गज भारतीय फिल्ममेकर शेखर कपूर एक एक्टर, होस्ट और डायरेक्टर के रूप में जाने जाते हैं। शेखर ने ‘बैटिंग क्वीन’, ‘मासूम’ और ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी शानदार फिल्मों को डायरेक्टर किया है। शेखर कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में अनिल कपूर, एक्ट्रेस श्रीदेवी, अमरीश पुरी और सतीश कौशिक जैसी तगड़ी स्टार कास्ट नजर आयी थी। कॉमेडी, ड्रामा और रोमांस से भरपूर इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। अनिल और श्रीदेवी की केमिस्ट्री को भी दर्शकों ने सराहा। वहीं अमरीश पुरी को ‘मोगेम्बो’ और सतीश कौशिक को ‘कैलेंडर’ के किरदार में आज भी याद किया जाता है। हाल ही में ‘मिस्टर इंडिया’ के डायरेक्टर शेखर कपूर ने 1987 में आई अपनी फिल्म की रीमेक बनाने की बातों पर अपने मन की बात साझा की।

‘मिस्टर इंडिया’ के रीमेक के बारे में कहा…

साल 1987 में रिलीज हुई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई और बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया सफलता हासिल करने वाली फिल्मों में एक बन गई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 10 करोड़ रुपये की कमाई की थी। सालों पहले रिलीज होने वाली इस फिल्म को आज भी लोग पसंद करते हैं। वहीं, हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान डायरेक्टर शेखर कपूर ने ‘मिस्टर इंडिया’ के रीमेक बनाने को लेकर अपनी राय रखी।

उन्होंने बताया कि वो फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के रीमेक नहीं बनाएंगे। क्योंकि साल 1987 रिलीज हुई इस फिल्म में नजर आई मासूमियत और नेटिव को हम खो देंगे। डिरेक्टर ने बताया कि, यह संभव नहीं होगा क्योंकि तीन मुख्य पर्सनालिटी श्रीदेवी, अमरीश पुरी और सतीश कौशिक के बिना यह फिल्म संभव नहीं थी। बता दें, फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में सीमा सोहनी के किरदार में श्रीदेवी, मोगैम्बो के किरदार में अमरीश पुरी और कैलेंडर के किरदार में सतीश कौशिक नजर आये थे।

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फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का रीमेक बनाये जाने से सहजता महसूस करने के सवाल पर शेखर कपूर ने आगे कहा की, वो फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ का रीमेक बनाए जाने पर सहज महसूस नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें डर है कि वो फेल न हो जाये। आगे शेखर कहते हैं कि, अगर वो इस फिल्म को निर्देशित करते हैं तो यह उनके लिए बड़ी समस्या होगी। उन्होंने कभी किसी फॉर्म या शैली को दोहराया नहीं है। आगे शेखर अपनी फिल्मों ‘मासूम’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘बैंडिट क्वीन’, ‘एलिजाबेथ’, ‘द फोर फीदर्स’, ‘व्हाट्स लव गॉट टू डू विद इट’ का जिक्र करते हुए कहते हैं कि इनमें से सभी फिल्म में उनकी अलग शैली रही हैं। ‘मिस्टर इंडिया’ डायरेक्टर आगे खुलासा करते हुए कहते हैं कि उन्हें डर है कि अगर वह खुद को दोहराते हैं तो वह असफल हो जाएंगे।

आगे अपनी बात कहते हुए शेखर कपूर कहते है कि, मिस्टर इंडिया डायरेक्टर करते समय वो अपने अंदर छुपे बच्चे के संपर्क में थे और मिस्टर इंडिया में चंचलता, मासूमियत और स्वाभाविकता की भावना है। आगे डायरेक्टर शेखर ये भी बताते हैं कि अगर उनसे कोई ‘मिस्टर इंडिया’ करने के लिए कहेगा तो अब वो चंचल और भोलापन नहीं दिखा पाएंगे। अपने शूटिंग के दिनों को याद करते हुए शेखर कहते हैं कि अब वो दोबारा से वैसा नहीं कर पाएंगे, इसलिए बेहतर होगा कि कोई दूसरा डायरेक्टर आए और बेहतर ‘मिस्टर इंडिया’ लाए। क्योंकि वो ऐसा नहीं करना चाहते है।

बता दें, फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ साल 1987 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में श्रीदेवी और अनिल कपूर मुख्य भूमिका में नजर आए थे। फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे गरीब लड़के का रोल किया था, जिसको उसके पिता के गायब होने वाला एक सीक्रेट पता चल जाता हैं। जिसे इस्तेमाल कर के वो जब चाहते थे गायब हो जाते थे। इस फिल्म में श्रीदेवी के रोल को भी काफी पसंद किया गया था।

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गौरतलब ही कि, आज के समय में भी पुरानी फिल्मों का क्रेज है। डायरेक्टर हो या सेलेब्स सभी को अपने पुराने दिन और फिल्में याद करते हैं। ऐसे में शेखर कपूर ने भी अपनी पुरानी यादें शेयर की हैं। उनकी बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को अपने दिल की सुननी चाहिए।

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