ऑनलाइन पढ़ने से किताबें पढ़ना कई गुना है बेहतर, जान ले 6 कारण!

आज यानी 23 अप्रैल को पूरा देश विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) मना रहा है। हमारे जिंदगी में किताबों का काफी महत्व होता है, पैदा होने के बाद स्कूल जानें से लेकर बड़े और बूढ़े होने तक ये किताबें हमे बहुत कुछ सिखाती हैं और समझाती भी हैं। विश्व पुस्तक दिवस को मनाने का कारण आने वाली पीढ़ियों को किताबें पढ़ने के लिए जागरूक करना है। आज के आधुनिक युग में तमाम ऐसे लोग हैं जो किताबों को घर ले जाने के बजाय फोन या लैपटॉप के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जो किताब आप चाहते हैं वह ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होती है, इसलिए लोग उन किताबों को दुकानों या लाइब्रेरी में खोजते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि फोन या लैपटॉप से किताबें पढ़ने के बजाय हाथ में लेकर या लाइब्रेरी जाकर किताबें पढ़ना कैसे कई गुना है बेहतर है।

किताबें पढ़ने के शौक़ीन लोगों को बता दें कि, महान अंग्रेजी कवी विलियम शेक्सपियर, स्पैनिश लेखक मिगुएल डे सर्वेंट्स का निधन आज ही के दिन 23 अप्रैल को हुआ था। वहीं कोलंबियन लेखक मैनुअल मेजिया वैलेजो और मौरिस ड्रोन का जन्म इसी दिन हुआ था। इसी दिन को याद कर विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। पुस्तकें एकल-विषय की जानकारी का भंडार हैं। किताबें हमारी मानसिक ऊर्जा को खराब नहीं करती हैं साथ ही ज्ञान का भंडार लाने का काम करती हैं। ऐसे में आज हम जिक्र करेंगे कि ऑफलाइन किताबें पढ़ना ऑनलाइन किताबों को पढ़ने से बेहतर कैसे है।

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1. नींद होती है प्रभावित

आईपैड, लैपटॉप या मोबाइल पर लंबे समय तक किताब पढ़ने से आपकी रातों की नींद उड़ जाती है। अक्सर देखा जाता है कि लोग खाली होते ही फोन का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं, ऐसे में किताब पढ़ने वाले कभी भी डिजिटल किताबें पढ़ने लगते हैं, उस वक्त दिन हो या रात कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में इसका असर आपकी नींद पर भी पड़ता है।

2. आरामदायी

किताबें पढ़ना वाकई काफी आरामदायक होता है। अगर आप लाइब्रेरी में या घर पर हाथ में लेकर किताबें पढ़ते है तो यह आपको किसी भी चिंता से दूर रखता है। यह आपके दिमाग और शरीर को आराम देती है। इसके अलावा एक अच्छी कहानी में खुद को खो देना भी डिप्रेशन से बाहर निकलने का एक अच्छा तरीका होता है।

3. आंखें रहेंगी बढ़िया

ऑनलाइन या कहें डिजिटल किताबें पढ़ने से आपकी आंखों पर असर पड़ता है। लैपटॉप, मोबाईल ता टैबलेट पर किताबे पढ़ने की आदत आपके आँखों के लिए हानिकारक है। ज्यादा समय तक ऐसे गैजेट्स पर पढ़ते रहने से आँखों पर स्ट्रेन आ सकता है। ऐसे में अगर आप घर बैठे ऑफलाइन किताबें पढ़ेंगे तो आपकी आंखें अच्छी रहेंगी।

4. ऑनलाइन होते है बहाने

कई बार ऐसा देखा जाता है कि ऑनलाइन पढ़ते समय किसी का मैसेज आ जाता है या फोन आ जाता जिससे आपका मन भटक जाता है। इसके अलावा अगर आपके बच्चे ऑनलाइन किताबें पढ़ रहे होते हैं वो अक्सर किसी भी बहाने से गेम खेलने लगते हैं। ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि किताबों को ऑफलाइन ही पढ़ें।

5. इंटरनेट का झंझट

ऑनलाइन पढ़ने या कहें तो डिजिटल किताबें पढ़ने के लिए इंटरनेट की जरूरत होती है। पढ़ते पढ़ते अगर इंटरनेट चला गया या मोबाईल की बैटरी लो हो गई, तो पढ़ने में कई दिक्कते आ सकती है। लेकिन प्रिंटेड किताबों में ऐसा कुछ झंझट नहीं होता है। आप किताबें घर लाए और जब चाहे बढ़िया ढंग से पुरे मजे से इसे पढ़ें।

6. अच्छी जानकारी मिलती है

प्रिंटेड किताबों में आपको ज्यादा जानकारी के साथ ही गहन विश्लेषण भी प्रदान मिलता है। किताबों में पूरी जानकारी भी दी रहती है, जो ऑनलाइन में कभी गायब रहती है या फिर प्रिंट नहीं की जाती। ऑनलाइन किताबों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि किसी विषय पर कुछ गहराई से समझाया गया हो।

 

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गौरतलब है कि, किताबें सभी के जिंदगी की सबसे जरूरी चीज होती हैं। इसे पढ़ कर ही आप एक अच्छी पोस्ट, अच्छी जानकारी और समाज में एक ओहदा प्राप्त करते है। ऐसे में इस विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) के मौके पर घर पर किताबें ला कर पढ़ें और लोगों को गिफ्ट भी करें।