कैसे करे शादी का रजिस्ट्रेशन? Marriage Certificate पाने के लिए यह बातें होती है जरुरी, जानें पूरा Process!

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शादी का मौसम शुरू हो गया है। ख़बरों के मुताबिक अगले एक महीने में देश में काफी सारी शादियां होने वाली है, जितनी की इस पुरे एक साल भर में नहीं हुई है। शादी का मौसम तो आते रहता है, लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है शादी के दस्तावेज। जी हाँ हम बात कर रहे है मैरेज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate) की, जिसे बनाने के लिए लोग आलस करते है। लेकिन सच कहें तो, शादी को अधिकृत बनाने के लिए मैरेज सर्टिफिकेट होना बेहद जरुरी दस्तावेज होता है। आजकल शादी के बाद लड़का हो या लड़की, दोनों को कई बार दफ्तर या कही भी बहार घूमने जाने के लिए भी मैरेज सर्टिफिकेट मांगा जाता है। अगर आपको भी मैरेज सर्टिफिकेट बनवाना है तो इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में जानना काफी जरुरी है। चलिए जानते है मैरेज सर्टिफिकेट कैसे बनाते है।

आपको बता दे की, अपने शादी को लीगल साबित करने और कानूनी कागजी कार्रवाई के साथ भारत सरकार को अपने शादी को एक औपचारिक रूप देने विवाह प्रमाणपत्र यानी के मैरेज सर्टिफिकेट बनाना बेहद जरुरी होता है। आज हम आपको बताएँगे की, आपको आपकी मैरेज सर्टिफिकेट बनानी है, तो उसके लिए क्या करना जरुरी होता है।

पात्रता (Eligibility Criteria)

मैरेज सर्टिफिकेट दस्तावेज प्राप्त करने के लिए दूल्हा और दुल्हन को निचे बताई गई पात्रता की शर्तों को पूरा करना पड़ता है।
1. मैरेज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए दूल्हा या दुल्हन को भारत का स्थायी निवासी होना चाहिए।
2. विवाह के समय संबंधित पक्ष के पास जीवित जीवनसाथी होना चाहिए।
3. दूल्हे की उम्र 21 वर्ष और दुल्हन की उम्र काम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।

मैरेज रजिस्ट्रेशन

शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को पंजीकरण महानिरीक्षक (nspector General of Registration) के कार्यालय में आवेदन करना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में उनका विवाह हुआ था या जहां पति-पत्नी शादी से पहले कम से कम छह महीने तक रहे थे। रजिस्ट्रेशन करने के लिए, दूल्हा या दुल्हन का घर, या शादी की जगह इन में से कोई एक स्थान पंजीकरण अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आना चाहिए। आपको बता दे की, भारत में मैरेज रजिस्ट्रेशन या तो विशेष विवाह अधिनियम या हिंदू विवाह अधिनियम के तहत होता है। विशेष विवाह अधिनियम भारत के सभी नागरिकों पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। वही हिंदू विवाह अधिनियम केवल हिंदुओं पर लागू होता है।

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विशेष विवाह अधिनियम के अनुसार मैरेज सर्टिफिकेट कैसे करें प्राप्त?

विशेष विवाह अधिनियम के तहत फेरे और मंगलसूत्र के साथ पारंपरिक शादी या किसी अन्य रीति-रिवाज या समारोह की आवश्यकता नहीं है। आप बस अपने शहर में रजिस्ट्रार के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। एक महीने की नोटिस अवधि में आपको अपने साथी और तीन गवाहों के साथ रजिस्ट्रार के सामने उपस्थित होने और कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए बुलाया जाएगा। आप चाहें तो उस समय तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं और वरमाला का आदान-प्रदान कर सकते हैं। कुछ दिनों के बाद आपको अपना विवाह प्रमाणपत्र मिल जाएगा।

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हिंदू विवाह अधिनियम के तहत मैरेज सर्टिफिकेट कैसे करें प्राप्त?

यदि आप सभी रीति-रिवाजों के साथ एक उचित हिंदू वैदिक समारोह, निकाह या क्रिश्चन रिवाजों से शादी कर रहे हैं तो अपने नजदीकी नगर पालिका वार्ड में संबंधित अधिनियम के तहत अपने प्रथागत विवाह का रजिस्ट्रेशन करा सकते है। सरकार के साथ अपनी शादी को पंजीकृत करने के लिए आपको दो गवाहों और अपनी शादी की तस्वीरों और शादी के निमंत्रण की आवश्यकता होगी।

बस इसी तरह आप अपने शादी के बाद मैरेज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते है।

Tejal Limaje: Who says an introvert can't be a good artist? I am an artist, writing is my art. You can call me an emotional introverted linguistic writer. What cannot be shared through my speech, I share through my writing and words. Writing is my love, desire, passion.