106 साल की कुट्टीअम्मा को DCW कार्यक्रम में मिला पुरस्कार, कहानी सुनकर हो जाएंगे हैरान!

हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली महिला आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है। दिल्ली में आयोजित हुए इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में करीब 100 प्रेणादायक लोगों को सम्मानित किया गया है। वहीं इस साल दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 106 साल की कुट्टीअम्मा कोंटि, हबीबा मसूद, नेहद मसूद और भगवानी देवी डागर समेत कई महिलाओं को सम्मानित किया। आइए जानते हैं सम्मानित हुए कुछ महिलाओं के बारे में और उनकी कहानी।

सम्मान पाने वालों में डिफेंस, खेल, सामाजिक संस्थानों और आम नागरिक भी शामिल रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। देश के हितों के लिए काम करने वालों को हर साल दिल्ली आयोग की तरफ से 8 मार्च को सम्मानित किया जाता है।

106 साल की कुट्टीअम्मा कोंटि को DCW महिला दिवस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। 104 साल की उम्र में कुट्टीअम्मा कोंटि ने साल 2021 में केरला डिस्ट्रिक्ट लिटरेसी टेस्ट दिया और एग्जाम में उन्होंने 89% हासिल किए और ये साबित कर दिया है कि दृढ़ विश्वास, कड़ी मेहनत से असंभव को संभव बनाया जा सकता है। शनिवार को कुट्टीअम्मा कोंटि को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया।

सम्मानित होने के बाद कुट्टीअम्मा ने मलयालम ने कहा कि इस उम्र में यह सम्मान पाकर वो काफी खुश हैं। वहीं उनके पोते बीजू एमजी ने बताया कि कुट्टीअम्मा कोंटि ने दिल्ली आने के लिए पहली बार हवाई यात्रा की है। दिल्ली आते समय वो एक बच्चे की तरह प्लेन की खिड़की से नजारा ले रही थी और सफर का लुफ्त उठा रही थी। कुट्टीअम्मा के पोते ने कहा कि उनकी दादी बेफिक्र थीं और विमान में मस्ती कर रही थीं।

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अठारह साल हबीबा मसूद और उनके सोलह साल के भाई नेहद मसूद ने समाज के लिए अच्छा काम करने के लिए सम्मानित किया गया। हबीबा और मसूद ने पिछले साल एक बाल विवाह रोकने का शानदार काम किया था। दोनों के इस खूबसूरत काम को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्हें एक लड़की को जबरन शादी से बचाने के उनके प्रयास को देखते हुए सम्मानित किया। ये भाई- बहन जोड़ी राजधानी दिल्ली में ही रहती है।

पिछले साल हुई इस घटना पर बात करते हुए हबीबा ने इस कार्यक्रम के दौरान बताया कि किसी घरेलू नौकर के जरिए उन्हें पता चला था कि नाबालिक लड़की को शादी करने के लिए जबरदस्ती मजबूर किया जा रहा है। हालांकि दोनों को शादी की सटीक जगह पता नहीं थी, लेकिन हबीबा ने अपने भाई को कहा कि वो अपने दोस्तों से पता करें और आस-पास जाकर इसकी जानकारी करें। हबीबा ने आगे बताया कि काफी कोशिशों के बाद उन्हें उस जगह का पता चला, जहां शादी होनी थी। उसके बाद तुरंत दोनों ने महिला आयोग से संपर्क किया। इसके बाद दोनों ने इसकी जानकारी दी और लड़की की मदद की।

वहीं इस कार्यक्रम में सुपर दादी के नाम से मशहूर भगवानी देवी डागर को भी सम्मानित किया गया। सुपर दादी भगवानी देवी ने 105 साल की उम्र में एथलेटिक्स मीट में 21 स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकीं हैं। उन्होंने फिनलैंड में वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के लिए तीन पदक जीते। इसके अलावा उन्होंने 24.74 सेकंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इतना ही नहीं भगवानी देवी ने शॉट पुट में कांस्य पदक भी हासिल किया हैं। सुपर दादी की इस चाहत को देखते हुए दिल्ली महिला आयोग ने उन्हें सम्मानित किया है।

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इसमें कोई शक नहीं कि हमारे देश भारत की महिलाएं किसी से कम हैं। आज के समय में महिलाएं देश, विदेश, थल, जल और बॉर्डर में अपना शानदार योगदान दे रही हैं। साथ ही देश का नाम भी रौशन कर रही है। वहीं इस देश की युवा महिला ही नहीं बल्कि बुजुर्गों में भी देश के लिए कुछ करने का जज्बा है।