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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अभियान के दौरान कहीं चौका देने वाली बातें! महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता!

महिलाओं और लड़कियों को साइबर क्राइम से बचाने और उन्हें साइबर सिक्युरिटी के बारे में जानकार बनाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने मंगलवार को डिजिटल शक्ति’ अभियान के चौथे चरण की शुरुआत की। इस अभियान के दौरान अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बड़ी सकारात्मक बातें की। इस अभियान के बारे में कहते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कई महिलाओं और लड़कियों को ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के साधनों के बारे में जानकारी न होने के बारे में कहा।


इस अभियान के बारे में बात करते हुए रेखा शर्मा ने यह भी कहा की, महिलाओं के बारें में होने वाले क्राइम्स में ज्यादातर युवा लड़के शामिल होते है जो तकनिकी जानकार (tech-savvy) होते है। हम सोशल मीडिया पर होने वाले साइबर स्टाकिंग, साइबर बुलिंग, ईमेल स्पूफिंग, फ़िशिंग आदि के बारे में बात करें, तो यह सभी ऐसे प्लेटफॉर्म्स हैं जो महिलाओं को असुरक्षित बनाते हैं।

आगे शर्मा ने और कहा की, यह अभियान महिलाओं और लड़कियों को इन सब फ्रॉड से कैसे सुरक्षित रहें और उन्हें आर्थिक रूप से कैसे सशक्त बनाया जा सकता है इसके बारे में सिखाता है। इसीलिए यह डिजिटल शक्ति अभियान महिलाओं को साइबर सुरक्षा के लिए सशक्त बनाने में एक मिल का पत्थर (milestone) साबित हो सकता है। यह संस्था शुरुआत से ही जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सतत प्रयास करती आ रही है और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा यह आशा है।

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आप को बता दे की, इस ‘डिजिटल शक्ति’ अभियान की शुरुआत साल २०१८ में हुई थी, जहाँ महिलाओं को साइबर क्राइम से प्रभावी तरीके से लड़ने और उन्हें मदद करने जानकारी दी जाती थी। साइबरपीस फाउंडेशन के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष मेजर विनीत कुमार ने इस अभियान के शुरुआत के मौके पर कहा की, ‘डिजिटल शक्ति अभियान’ यह महिलाओं के लिए एक साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य दो साल में 10 लाख महिला नेटिज़न्स के बीच साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना है।


इस अभियान के बारे में आगे बात करते हुए कुमार ने यह भी कहा की, वह तस्करी जैसे मुद्दों को हल करने के लिए सरकार के साथ काम कर रहे हैं। आज अपराधियों का पहला कनेक्शन तकनीकी प्लेटफॉर्म (tech platform) है। अपराधियों ने विभिन्न तकनीकी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करना शुरू कर दिया है और उनका पहिला लक्ष्य सभी समूहों के बच्चे और महिलाएं है। बच्चे इसकी चपेट में आ गए हैं। वे उन्हें सभी प्रकार के प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लक्षित करते हैं और एब्यूस कर रहे हैं।

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हम आशा करते है की, ‘डिजिटल शक्ति’ अभियान महिला और लड़कियों को साइबर क्राइम्स के बारे में सुरक्षित रखने आगे भी प्रयास करेगा और दो साल में 10 लाख महिला नेटिज़न्स के बीच साइबर सुरक्षा की जानकारी देने का अपना उद्देश्य जरूर पूरा करेगा।

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