Buddha Purnima: क्या है बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास और इसका महत्त्व?
है बेहद शुभ दिन!

भारत में बुद्ध पूर्णिमा को काफी महत्त्व दिया गया है। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में कई ऐसे लोग है जो भगवान बुद्ध को मानते है और बुद्धिजम को फॉलो करते है। बुद्ध पूर्णिमा को वेसाक के नाम से भी जाना जाता है। भारत के साथ साथ दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्मदिन को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर गौतम बुद्ध की पूजा की जाती है और बौद्ध अनुयायी बड़े उत्साह से ये दिन मनाते दिखाई देते है। हर साल हिंदू महीने वैशाख के पहले पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा आती है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 5 मई यानी शुक्रवार को बड़े भक्ति भाव से मनाई जाएगी। चलिए जान लेते है इसका महत्त्व!
इतिहास
बचपन से हमें भगवान गौतम बुद्ध की कई कहानियां सुनाई गई है। हमें ये भी पता है की गौतम बुद्ध शांति के प्रतिक थे। हालांकि उनके जन्म और मृत्यु की तिथि और समय के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं, ना ही इतिहास में ऐसे कोई साबुत मिले है जिससे ये बात साफ़ हो। लेकिन धारणा ये है कि, ईसा पूर्व छठी और चौथी शताब्दी के बीच उनका अस्तित्व था। उनका जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था। भगवान गौतम बुद्धा का नाम सिद्धार्थ था और उनका पालन पोषण राजकुमारों जैसा था। किंवदंतियों के अनुसार, उनके जन्म से बहुत पहले ही उनके एक महान राजा या एक महान संत बनने की भविष्यवाणी की गई थी।
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सिद्धार्थ राजसी विलासिता के साथ पले-बढ़े थे। बीमारी, बुढ़ापा और मृत्यु जैसी बातें देखने के बाद उम्र के 29 वर्ष में ही राजकुमार सिद्धार्थ ने अपने शाही महल को छोड़ दिया। लोगों के सभी दुखों के कारण का पता लगाने के लिए वह खोज पर निकल पड़े। कई सालों तक उन्होंने अलग अलग शिक्षाएं ली, एक पेड़ के निचे ध्यान लगाए बैठे रहे, आखिर उम्र के 35 सालों बाद उन्हें सिद्धि प्राप्त हुई और सारे सवालों का जवाब भी मिल गया। उन्होंने ज्ञान के मार्ग पर अन्य लोगों का नेतृत्व करने के लिए बुद्ध धर्म का प्रचार किया।
महत्त्व
बुद्ध पूर्णिमा का दिन हिंदू लोगों में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इस दिन शांति के प्रतिक भगवान गौतम बुद्ध ने पृथ्वी तल पर जन्म लिया था। इस दिन को गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। गौतम बुद्ध के अनुयायी या जो बुद्धिज्म का पालन करते है, ऐसे लोग इस दिन को बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा वैशाख के महीने में पहली पूर्णिमा के दिन आती है। भगवान बुद्धा को शांति के प्रतिक माना जाता है, क्यों की वह बेहद शांतिप्रिय थे। गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का आठवां अवतार भी माना जाता है और उसी भक्ति भाव से उनकी पूजा की जाती है।
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भगवान गौतम बुद्ध ने लोगों को शांति का रास्ता दिखाया। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बुद्ध की शिक्षाओं का पालन किया जाता है और गरीबों को खाना खिलाया जाता है। आमतौर पर पवित्रता बनाए रखने के लिए इस दिन सफेद कपड़े पहनते हैं। बुद्ध पूर्णिमा की आप सभीको हार्दिक शुभकामनाएं!
First Published: May 04, 2023 7:16 PMEid 2023: ईद के खूबसूरत मौके पर घर पर बनाएं स्वादिष्ट सेवई खीर, जान ले रेसिपी!