World Mental Health Day: बच्चे भी हो सकते है मानसिक समस्याओं का शिकार, जानें ये 5 संकेत!
जान ले, समझ ले!

आज भी हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात नहीं की जाती। कई लोगों के लिए यह सिर्फ एक नाटक होता है या फिर पागलपन। लेकिन अगर इसका बारीकी से अभ्यास किया जाएं, तो आज के दिन हर घर में एक ना एक इंसान मानसिक समस्याओं से जूझ रहा है। इसमे बच्चे भी पीछे नहीं है। इसी दिन के बारे में लोगों में जागरूकता निर्माण करने के लिए, इस समस्या से लड़ने के लिए, इस समस्या के बारे में लोगों को समझाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर के दिन पूरी दुनिया में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है। इस बारे में बात करें तो सिर्फ बड़े बूढ़ों को या जवान लोग ही मानसिक बिमारियों के शिकार नहीं होते। कई बार बच्चे भी मानसिक समस्याओं से जूझते हुए नजर आते है। इसीलिए आज हम बात करेंगे की, अपने बच्चों में अगर इस तरह की कोई भी मानसिक बीमारी हो, तो उसे कैसे पहचानना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य को बनाएं रखना हम सभी का हक है। बड़े लोग अपनी मानसिक समस्याओं को लेकर दूसरों से बात कर सकते है, लेकिन बच्चें इस बारे में कभी भी खुलकर बात नहीं कर पातें। क्यों की वह नादान होते है और उनके साथ क्या हो रहा है इसका उन्हें अंदाजा भी नहीं लग पाता। कई बार तो बच्चों के माँ बाप को भी उनके इस हालत का अंदाजा नहीं लगता। इसीलिए आज हम बच्चों में पायी जाने वाली मानसिक समस्याओं के 5 संकेतों के बारे में जानने वाले है।
1. उदासी, चिड़चिड़ापन या रोना
बच्चे कई बार चिड़चिड़ करने लगते है। कई बार पैरेंट्स बच्चों की इस आदत को अनदेखा कर देते है, लेकिन हम कहते है की आप ऐसे बिलकुल ना करें। अगर आपका बच्चा आपको कई दिनों तक किसी बात से परेशान होते दिखा, उदास दिखा तो आप उससे एक दोस्त बन कर बात करें। अगर आपका बच्चा हद से ज्यादा चिड़चिड़ा होने लगे और साथ ही अचानक से रोने लगे तो हो सकता है की वह किसी मानसिक कठिनाई से गुजर रहा है।
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2. सामाजिक मेलजोल कम होना
बच्चों में मानसिक समस्यायों के दौरान वह अपने करीबी लोगों से दूर रहते दिखाई देते है। ऐसे में अगर आपका बच्चा उसके पसंदीदा लोगों से दुरी बनाते दिखाई दे या दोस्तों से भी मिलना ना चाहे, तो समस्या हो सकती है। मानसिक समस्या से जूझ रहे बच्चे लोगों से मिलनाजुलना कम कर देते है। कई बार तो बच्चे अपने माँ बाप से भी बात नहीं करना चाहते। ऐसे वक़्त आप समझ जाएं की आपका बच्चा किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा है और तुरंत उसे अच्छे चिकित्सक के पास ले जाएं।
3. वजन कम होना
खेलते-कूदते बच्चे हमेशा अच्छे से खाना खाते है। लेकिन कई बार बच्चओं की खानपान की आदतों में अचानक से बदलाव आने लगता है। खाते वक़्त वह चिड़चिड़ करने लगते है या फिर ठीक से खानपान नहीं करते। बच्चा अगर किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा है, तो बिलकुल बड़े लोगों की तरह बच्चों को भी कुछ खाने का मन नहीं हो पाता, जिस वजह से उनका वजन घटने लगता है। इस कारन बच्चों में इतर बिमारियों का संक्रमण भी हो सकता है।
4. सोने में कठिनाई
खेलते कूदते बच्चे अचानक से चुपचुप रहने लगे, लोगों से दुरी बनाए रखने लगे, तो समझ जाएं की कुछ तो परेशानी है। इस दौरान बच्चों की नींद भी कम होने लगती है। इसके साथ ही बच्चों को सोने में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। ठीक से नींद पूरी ना होने की वजह से बच्चे हमेशा नींद में दिखाई देते है या फिर चिड़चिड़ करने लगते है।
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5. खुद को कष्ट पहुँचाना
अगर आप बच्चे के माँ बाप है तो इस बात पर आपको जरूर गौर करना चाहिए। मानसिक समस्या में यह सबसे खतरनाक अवस्था साबित हो सकती है। अगर आप अपने बच्चों पर ठीक से ध्यान ना दे, उनकी मानसिकता समझ ना सके, तो मानसिक समस्या से जूझ रहे बच्चे खुद को कष्ट पहुंचाने में भी डरते नहीं। वह खुद को किसी भी तरह से हानि पहुंचाने का तरीका ढूंढते है और अपने साथ कुछ भी कर सकते है।
इसीलिए मानसिक समस्याओं को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। इस दौरान बच्चों के साथ हमेशा नरमी से पेश आना चाहिए। अगर आपसे बच्चा नहीं संभला जा रहा है तो चिकित्सक की मदद लेने में हिचकिचाहट ना दिखाए। मनोवैज्ञानिक से तुरंत ही कंसल्ट करना चाहिए और अपने बच्चे की मानसिक अवस्था के बारे में जागरूक रहना चाहिए।
First Published: October 10, 2023 4:17 PM