Shardiya Navratri 2023: नवरात्री पर जानें कब करें कलश स्थापना, शुभ मुहूर्त और कैसे करें पूजा!

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गणपति के बाद लोग जिस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार करते है, वह है नवरात्रि (Navratri) का त्यौहार। ये त्यौहार ना सिर्फ खुशियों की बौछार करता है, बल्कि 9 दिनों के लिए खुशियों भरा माहौल लेकर आता है। जगह जगह पर देवी की मूरत स्थापित की जाती है, साथ ही कलश की स्थापना भी की जाती है। 9 दिन लोग 9 अलग अलग रंगों के कपड़ों में गरबा रास, दांडिया खेलते है। घरों घरों में माँ दुर्गा देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है और कलश की स्थापना भी की जाती है। वही इस खुशियों भरें त्यौहार के बारे में आपको सभी बातें जानना जरुरी है। तो चलिए जानते है 15 अक्टूबर यानी इस रविवार से शुरू होने वाले नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा कैसे की जाती है, कलश स्थापना कैसे और कब की जाती है, क्या है इसका महत्त्व और शुभ मुहूर्त!

नवरात्रि का महत्त्व

नवरात्रि का उत्सव पुरे भारत में हिंदू लोग मनाते है। गुजराती समुदाय के साथ ही अब सभी लोग यह खुशियों भारत त्यौहार मनाते नजर आते है। इस साल नवरात्रि का त्यौहार 15 अक्टूबर से शुरू होने वाला है और उसका समापन 24 अक्टूबर को होने वाला है। अश्विन महीने में आने वाली नवरात्री को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस नवरात्रि से चारो ओर उल्हासित वातावरण का निर्माण होकर नकारात्मकता का अंत होता है। नवरात्रि के हर दिन माँ दुर्गा देवी के 9 अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न किया जाता है। नवरात्री का 10 वा दिन विजय दशमी यानी दशहरा के नाम से मनाया जाता है, जो की इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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नवरात्रि मुहूर्त 2023 तिथि और समय

इस साल नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होगी और 9वें दिन 23 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगी। 10 वा दिन विजय दशमी के नाम से मनाया जाएगा। अक्सर लोग नवरात्रि शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा करते है। इस साल नवरात्रि के शुभ मुहूर्त की बात करें तो सबसे पहले लोग कलश स्थापना करेंगे। हिंदू पंचांगानुसार इस साल कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 बजे से दोपहर 12 बजकर 36 तक रहेगा।

ऐसे करें नवरात्रि की कलश पूजा

. सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर ले और साफ सुथरे नए कपडे पहनते हुए पूजा का आरंभ करें।
. पूजा में रखा जाने वाला कलश अच्छे से धो ले और उसमे पानी भर दे।
. मिट्टी से एक वेदी बनाएं और उसमें जौ के बीज बो दे।
. कलश पर सिन्दूर से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं, फिर उसके ऊपरी हिस्से में पवित्र धागा बांधें।
. कलश के अंदर कुछ आम के पत्ते रखें और सुपारी और कुछ कॉइन्स डालें।
. अब एक नारियल लें और उसे कलश के ऊपर रखें औरदेवी माँ से प्रार्थना करें और देवताओं की पूजा आरंभ करें।

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नवरात्रि के समय लोग माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा तो करते ही है, साथ में कई लोग व्रत भी रखते है। कई बार इस व्रत के दौरान 9 दिनों तक लोग सिर्फ फलाहार ही करते है तो कई लोग बिना चप्पल के खुले पैरों से चलते है।

Tejal Limaje: Who says an introvert can't be a good artist? I am an artist, writing is my art. You can call me an emotional introverted linguistic writer. What cannot be shared through my speech, I share through my writing and words. Writing is my love, desire, passion.