फीमेल लीड फिल्म्स के बारे में बोल पड़ी हुमा कुरैशी, कहा “एक्ट्रेसेस अब सिर्फ हीरो के जर्नी का नहीं है सहारा!”

जैसे की हम सभी जानते है, जब से OTT प्लेटफॉर्म ने जोर पकड़ा है, लोग थिएटर की तरफ कम और इन ऑनलाइन प्लैटफॉर्म की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। OTT प्लेटफॉर्म ने सही मायने में लिंग भेद भुला कर सारे एक्टर्स को एक समान दर्जा या हम कह सकते है सामान अवसर प्रदान किया है, जिस वजह से कई एक्टर्स को आगे आने का बेहतर मौका मिल रहा है। OTT प्लेटफॉर्म ने इसके साथ ही फीमेल एक्टर्स के साथ भी इंसान किया है। क्यों की हम देख सकते है, जब से OTT प्लेटफॉर्म आया है तब से कई एक्ट्रेसेस सीरियल और फिल्मों में सोलो लीड करती नजर आ रही है। इस बारे में बॉलीवुड की टैलेन्टेड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी ने हाल ही में एक इवेंट के दौरान बात की है।

8 मार्च को पूरी दुनिया में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ अर्थात ‘इंटरनेशनल विमेंस डे’ मनाया जाएगा। इसी दिन को लेकर कई जगह कई इवेंट्स हो रहे है। एक ऐसा ही इवेंट मुंबई में भी हुआ, जिसमे ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ की एक्ट्रेस हुमा कुरैशी ने भी हाजिरी लगायी। बस इतना ही नहीं, बल्कि इस एक्ट्रेस ने अभी के समय OTT प्लेटफॉर्म के वजह से अभिनेत्रियों को भी आगे आने का मौका मिलने के बारे में बात की।

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हाल ही में मुंबई में राष्ट्रीय महिला आयोग और Netflix के संयोग से ‘विमंस डे’ के अवसर पर ‘Her Story, Her Voice’ नामक एक इवेंट हुआ, जिसमे कई प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध लोगों को मेहमानों के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस इवेंट में बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी भी शामिल हुई। इस दौरान लोगों से बातचीत करते हुए हुमा ने महिलाओं के हक के बारे में कई बातें कही। इन सब बातों में हुमा ने OTT प्लेटफॉर्म और फीमेल एक्ट्रेसेस के लिए बदलते नजरिये के बारे में बात की।

‘फीमेल लीड टर्म’ का इस्तेमाल करते हुए हुमा ने कहा की, पिछले कुछ सालों से फीमेल एक्ट्रेसेस को भी अपना टैलेंट दिखने का अच्छा मौका मिल रहा है। और यह OTT प्लेटफॉर्म की वजह से ही संभव हो पाया है ऐसे हुमा को लगता है। पिछले कुछ सालों से ‘फीमेल लीड फिल्म्स’ की टर्म काफी मशहूर होती जा रही है। फिम्ले हो या सीरीज, एक्ट्रेसेस ‘फीमेल लीड’ किरदार में लोगों को पसंद आ रही है। Netflix और उस जैसे कई OTT प्लेटफॉर्म्स पर एक्ट्रेसेस को लीड रोल मिल रहे है, जहा वह बहुत अच्छा परफॉर्म भी कर रही है। लेकिन हुमा के लिए यह सिर्फ ‘फीमेल लीड फिल्म्स’ की बात नहीं है, तो यह एक महिला सशक्तिकरण का मौका है जिसे वह अच्छे से इस्तेमाल करना चाहती है।

हुमा के मुताबिक अब अभिनेत्रियां फिल्मों में सिर्फ हीरो का इंतजार करते हुए घर पर नहीं बैठती, तो वह खुद ही फिल्मों की ‘हीरो’ बन जाती है। जैसे की, विद्या बालन की फिल्मे ‘डर्टी पिक्चर’, ‘कहानी’, ‘तुम्हारी सुलु’, कंगना रनौत की ‘क्वीन’, अनुष्का शर्मा की ‘एनएच 10’, सुष्मिता सेन की मशहूर सीरीज ‘आर्या’ और कई ऐसी फिल्मे और सीरीज है जिन्होंने ने महिलाओं को लीड कैरेक्टर में दिखाया गया है। हुमा के कई सहकर्मी, पहचान की एक्ट्रेसेस फिल्मों को रिजेक्ट करती है, जब उन्हें अच्छे रोल या अधिक कुछ करने का मौका नहीं मिलता।

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हुमा अबतक ऐसी एक भी महिला से नहीं मिली है जो स्ट्रॉन्ग नहीं है, इसीलिए उसे ऐसे लगता है की फिल्मों में भी उन्हें खुद को साबित करने का अच्छा मौका मिलना चाहिए। यह बदलाव लाने के लिए महिलाओं का योगदान सच में महत्वपूर्ण है।

Tejal Limaje: Who says an introvert can't be a good artist? I am an artist, writing is my art. You can call me an emotional introverted linguistic writer. What cannot be shared through my speech, I share through my writing and words. Writing is my love, desire, passion.